22 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आहवान पर हुए जनता कर्फ्यू वाले दिन शाम को जैसे ही 5:00 बजे, सैकड़ों लोग अलग-अलग इलाकों से राजवाड़ा पर पहुंच गए और सामूहिक रूप से घंटियां बजाईं, शंख बजाए और जश्न भी मनाया। जैसे कोई युद्ध जीत कर आए हो।
जनता कर्फ्यू का मुख्य उद्देश्य था लोगों को घरों में रखना जिससे कोरोनावायरस के फैलाव पर काबू किया जा सके पर उक्त लोगों का इस तरह से भीड़ में पहुंचना प्रधानमंत्री की मंशा के बिल्कुल विपरीत रहा।
इस मामले का संज्ञान लेते हुए इंदौर कलेक्टर लोकेश जाटव ने ऐसे सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए इंदौर डीआईजी रुचि वर्धन मिश्रा और इंदौर आरटीओ को पत्र लिखा है। ऐसे लोगों की पहचान करके उनके ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल किए जाएंगे और अगर कुछ ऐसे लोग पाए जाते हैं जिनका आपराधिक रिकॉर्ड है तो धारा 188 के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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