यह है "श्रीमती सलभा उसकर"
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले की 86 वर्षीय "श्रीमती सलभा उसकर" .
अरिहंत विहार कॉलोनी में 600 स्क्वायर फीट के मकान में रहती हैं. शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हैं.
कोरोना वायरस महामारी के दौर में खुद को घर में बंद करने के साथ इन्होंने जो किया, वह इतना प्रेरित कर देने वाला है कि उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल महसूस होता है."दरिया दिल अम्मा" ने अपनी पेंशन में से ₹100000 का दान मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दिया है. यह दरियादिली इतनी खामोशी से हुई कि अफसरों के हाथ में चेक पहुंचा तो वह भोचक्के के रह गए.
नोडल अधिकारी विनय प्रकाश सिंह को अखबार में नंबर देखकर उन्होंने कॉल किया कि वह कुछ दान करना चाहती हैं. विनय प्रकाश सिंह ने उन्हें घर पर रहने की सलाह देते हुए कहा कि वे किसी को भेजकर चैक कलेक्ट करवा लेंगे. जब उनके हाथ में चेक पहुंचा तो आंखें भीग उठी. लफ़्ज़ों को लकवा मार गया.
आभार शब्द इतना बौना था कि उसे लफ्जों में पिरोना मुश्किल था.
इसलिए यह काम मेरे हिस्से में आया.
अम्मा ने 10 -20 हजार रुपए नहीं, पूरे ₹100000 अपनी पेंशन की राशि में से दान किए. बिना फोटो सेशन, बिना प्रदर्शन और बगैर तामझाम के बेहद खामोशी से.
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