*भाजपा की होली , कांग्रेस को करोना*
दिग्विजय सिंह की हेकड़ी ने आखिर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार की गर्दन पर कुल्हाड़ी मार दी। कमलनाथ भी जिस तरह निरंतर ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपमानित कर बगावत के लिए उकसाते रहे, अपनी सरकार को आत्महत्या की राह पर ले जाने में कामयाब रहे। भाजपा की कूटनीति के मुताबिक अब राजस्थान सरकार के पतन की बारी है। सचिन पायलट की महत्वाकांक्षा भी गद्दार होने की राह पर है। महाराष्ट्र सरकार भी पतन की कतार में है।
जो भी हो ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी दादी विजयाराजे सिंधिया के राजनीतिक घर आ गए हैं। राज्यसभा सदस्यता और मंत्री पद का प्रस्ताव उन्हें मिल ही चुका है। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि सिंधिया अपनी इस राजनीतिक ददिहाल में लंबे समय तक टिकते हैं या तात्कालिक मोहरा साबित होते हैं। भाजपा की यह तैयारी तो खैर कमलनाथ सरकार गठित होने के पहले दिन से ही थी। लेकिन जब बीते महीने ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि , नहीं तो मैं सड़क पर उतर जाऊंगा ! कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को उन्हें संभालना चाहिए था। उलटे कमलनाथ ने तंज भरा जवाब दिया कि , तो उतर जाइए ! उसी दिन कमलनाथ सरकार के गिरने की पूर्व पीठिका तैयार हो गई थी।
फ़िलहाल ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया है और सोनिया गांधी ने उन्हें कांग्रेस से बर्खास्त कर दिया है। अधीर रंजन चौधरी ने सिंधिया को गद्दार करार दे दिया है। सिंधिया खेमे के विधायकों ने भी बेंगलूर से मेल से इस्तीफ़ा भेज दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कमलनाथ संजीदगी से इस्तीफ़ा दे देते हैं या कर्नाटक की तरह लंबा ड्रामा खेलते हैं। उम्मीद है कि कमलनाथ अभी भाजपा को सरकार खातिर भरपूर नचाएंगे। जाएंगे कमलनाथ लेकिन भाजपा को भरपूर छका कर। फ़िलहाल तो भाजपा की होली मन गई है , कांग्रेस के हिस्से करोना आ गया है। शिवराज सिंह चौहान को बधाई दीजिए।
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