इंदौरः मध्यप्रदेश के इंदौर जिले की सैन्य छावनी महू में कोरोना वायरस के संक्रमण ने जमकर पैर पसार रखे हैं। महू छावनी बोर्ड में करीब 85 हजार की आबादी में अभी तक 19 मौतें कोरोना संक्रमति मरीजो की हो चुकी हैं। संक्रमति मरीजों व मृत्यु दर दोनों में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की संख्या ज्यादा हैं। हालांकि इस मामले में आकंड़े हर पल बदल रहे हैं लेकिन मौतें तो सामान्य व दूसरी बिमारीयों के चलते भी हो रही हैं। इनका रिकॉर्ड शहर के मुक्ति धाम और कब्रिस्तान में दर्ज हो चुका हैं। इसमें आत्महत्या भी शामिल हैं। आमतौर पर हर माह औसत 50 से 60 तक मौतें शहर में होती हैं, लेकिन अप्रैल माह में 86 मौतें हुई जबकि अप्रैल माह में कब्रिस्तान में 52 मौतें और मुक्ति धाम में 34 मौतें दर्ज हैं। लाँकडाउन के चलते बिमार व्यक्तियों को सही समय पर ईलाज न होना भी इसकी एक बडी वजह मानी जा रही हैं। लाँकडाउन के चलते शहर में वैसे ही न ट्रैफिक चल रहा है और न ज्यादा एक्सीडेंट हो रहे हैं, लेकिन इस बार पिछले साल के अप्रैल माह में मौतें का आकंडा ज्यादा रहा है।
मुक्ति धाम में रखी अस्थिया ………
कोरोना लाँकडाउन का असर मुक्ति धाम और कब्रिस्तान में होने वाले अंतिम संस्कार पर भी पड़ा रहा हैं, क्योंकि दोनों जगह क्लेक्टर के आदेश के अनुसार 5 व्यक्ति से ज्यादा व्यक्ति अंतिम संस्कार करने नहीं जा सकता हैं। मुक्ति धाम समिति के पंडित मनीष शर्मा ने बताया कि चार पीढियों सें हम मुक्ति धाम में अंतिम संस्कार की रस्म करवा रहे हैं, लेकिन लाँकडाउन के चलते अभी तक 90 के करीब अंत्येष्टि हो चुकी हैं। वहीं अभी तक 5 लोग ही प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद अस्थियां विसर्जन के लिए ले जा चुके हैं। लाँकडाउन के चलते परिजन अपने परिवार के व्यक्ति की अस्थियां तक विसर्जन नहीं कर पा रहे हैं। जिसके चलते उनकी अस्थियां यहाँ मुक्ति धाम के लाँकर में ही रखी हैं। 3 परिवारों की अस्थियों का विसर्जन गुजरखेड़ा नदी में परिजन के नहीं आने पर किया हैं। इसमें से एक कोरोना मरीज भी था।
अस्थियां रखी जाती हैं। अस्थियां रखने का कोई चार्ज नहीं लगता हैं, लेकिन सोरनी के काम पर 250 रूपये चार्ज लगता है जो कि यहाँ पर कार्यरत सफाई कर्मचारियों द्वारा लिया जाता हैं।
महू के कब्रिस्तान में कार्यरत शमशेर शाह 3 पीढियों सें कब्र खोदने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लाँकडाउन के चलते 5 ही व्यक्तियों को कब्रिस्तान में अंदर आने की अनुमति दी जा रही हैं। बाकी दूसरा व्यक्ति अंदर नहीं आ रहा है।
मध्य भारत अस्पताल के प्रभारी डा. एचआर वर्मा ने बताया कि लाँकडाउन के चलते शुगर , थायराइड और बीपी के मरीज और हार्ट अटैक के मरीज डर के कारण सही समय पर अस्पतालों में नहीं पहुंचा पा रहे हैं, जिसके चलते भी कुछ मरीजों की मौत हुई हैं।
महू के एसडीएम प्रतुल सिंहा का कहना है कि कोरोना कोविड में 18 मौतों हुई हैं। महू से अस्थियां विसर्जन के लिए अनुमति नहीं दी जाती है ,जो भी अनुमति दूसरे जिले के लिए दी जाती हैं ।वह जिले के लेवल पर दी जाती हैं।
महू के कब्रस्तान का आंकड़ा
3/ 2019 - 13 मौतें
4/2019 - 17 मौतें
5/2019 - 16 मौतें
1/2020 - 19मौतें
2/2020 - 16मौतें
3/2020 - 12 मौतें
4/2020 - 52 मौतें
5/2020 - 15मौतें
महू के मुक्ति धाम के आंकड़े
3/2019 - 25 मौतें
4/2019 - 28 मौतें
5/2019 - 24 मौतें
1/2020 - 41 मौतें
2 2020 - 24 मौतें
3 2020 - 31 मौतें
4/2020 - 34 मौतें
5/2020 - 26 मौतें
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