सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर वेबीनार का हुआ आयोजन

  

योग व्यायाम ही नहीं, जुडऩे की प्रक्रिया- प्रोफेसर सिन्हा
महू (इंदौर)। ‘योग केवल व्यायाम ही नहीं बल्कि जुडऩे की प्रक्रिया है. जुडऩे की प्रक्रिया में पहले स्वयं से जुडऩा, फिर प्रकृति से जुडऩा और वैश्विक स्वरूप में जोडऩा।  यह बात सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बी. आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, महू एवं हेरिटेज सोसायटी पटना के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार को संबोधित करते हुए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय बनारस के हिस्ट्री एवं विजुअल आर्ट डिपार्टमेंट के प्रोफेसर शांतिस्वरूप सिन्हा  ने मुख्य अतिथि की आसंदी से  योग को कला के माध्यम से जोड़ते हुए उसके विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला. प्रो. सिन्हा ने पीपीटी प्रेजेंटसन के माध्यम से मूर्तियों के विभिन्न आकार प्रकार को गहराई से समझाते हुए बताया कि किस तरह इनके व्यवहार में योग शामिल है. प्रोफेसर सिन्हा वैदिक काल से लेकर सिंधुघाटी की सभ्यता से वर्तमान समय के संबंध में अनेक बातें कही और कहा कि योग के बिना हमारा जीवन नहीं है. उन्होंने आध्यात्म और कला के अंतर्सबंध के माध्यम से बताया कि निरोगी जीवन के लिए योग का क्या महत्व है.
‘हेल्थ, हेप्पीनेस और हरमोनी विषय पर आयोजित वेबीनार को संबोधित करते हुए एच.पी.यू., शिमला के योग डिर्पाटमेंट के डॉ. एस. पी. पाठक ने कहा कि योग व्यायाम नहीं, औषधि है. चूंकि योग द्रव्य नहीं है तो औषधि कैसे है, यह समझाने के लिए उन्होंने  तर्क के माध्यम से अपनी बात सारगर्भित ढंग से रखी. उन्होंने योग के वैज्ञानिक पक्ष को मजबूती के साथ रखा और बताया कि आज के जीवन के लिए योग कितना आवश्यक है.
एम.डी.एन.आई.वkई., आयुष, नईदिल्ली के डॉ. अर्पित कुमार दुबे ने योग के माध्यम से शारीरिक एवं मानसिक विकास की बात रखते हुए कहा कि योग सार्वभौमिक व्यवहार भी सिखाता है. उन्होंने सह-अस्तित्व की चर्चा करते हुए कहा कि स्वयं के लिए तो चिंता सब करते हैं लेकिन दूसरों की चिंता भी करना सिखना चाहिए. मनुष्य स्वीकार तो करता है लेकिन उसके महत्व को भी मानना होगा. उन्होंने कहा कि योग से शारीरिक और मानसिक व्याधियां दूर होती है और जब निरोगी शरीर और मन रहेगा तो सामंजस्य बिठाना सहज होता है.
वेबीनार के आरंभ में अध्यक्ष एवं कुलपति प्रोफेसर आशा शुक्ला ने अतिथियों एवं सहभागियों को सातवें विश्व योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए योग को जीवन में व्यवहार के रूप में लाने के लिए प्रेरित किया. योग दिवस पर विश्वविद्यालय के वैचारिक कार्यक्रम के बारे में उन्होंने प्रकाश डाला और बताया कि योग आधारित कुछ नए प्रोग्राम रक्तचाप और मधुमेह पर शुरू करने की योजना है. डीन प्रोफसर मनीषा सक्सेना ने अतिथियों को विश्वविद्यालय की ओर से योग दिवस पर शुभकामना संदेश दिया. आभार प्रदर्शन हेरिटेज सोसायटी के महानिदेशक श्री अनंतआशुतोष द्विवेदी ने अतिथियों का आभार माना. डॉ. अजय दुबे ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार किया तथा कार्यक्रम का सफल संचालन किया. कार्यक्रम में नेक एवं मीडिया सलाहकार डॉ. सुरेन्द्र पाठक की विशेष उपस्थिति रही. रजिस्ट्रार श्री अजय वर्मा एवं विश्वविद्यालय परिवार के सक्रिय सहयोग से कार्यक्रम सम्पन्न हुआ.



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