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श्री सौधर्म बृहत्तपोगच्छीय त्रिस्तुतिक गणनायक विश्व पूज्य गुरुदेव श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीश्वरजी म सा के प्रशिष्य पूण्य सम्राट गुरुदेव श्रीमद् जयन्तसेन सू
रीश्वरजी म सा के शिष्य रत्न, एवं गच्छाधिपती श्रीमद् विजय नित्यसेन सूरीश्वरजी म सा एवं श्रीमद् विजय जयरत्न सूरीश्वरजी म.सा के आज्ञानुवर्ती, *मुनिराज श्री चारित्र रत्न विजय जी म.सा एवं मुनिराज निपुण रत्न विजय जी म साआदि श्रमण भगवंत एवं साध्वी श्री शाशनलता श्रीजी आदि श्रमणी भगवंत का गुजरात के पाटण नगर में 11 जुलाई को भव्यातिभव्य चातुर्मास प्रवेश हुआ,* उक्त जानकारी देते हुए नवकार संयोजक योगेन्द्र नाहर ने बताया कि इस प्रसंग पर ऊंकार सूरीश्वर महाराज के समुदाय के *भक्ति योगाचार्य श्री यशोविजय सूरीश्वरजी महाराज की पावन निश्रा रही,* चातुर्मास प्रवेश प्रातः 6.36 मीनीट पर नगर के मुख्य प्रवेश द्वार से प्रारंभ होकर राजमार्ग का परिभ्रमण करते हुए गुरु मंदिर ओर पंचासरा पार्श्वनाथ जिनालय में दर्शन वंदन कर सभा मंडप में संपन्न हुई, शोभायात्रा में दादा गुरुदेव ओर पुण्य सम्राट गुरुदेव की तस्वीर लेकर बगी में बेठने का लाभ पाटण स्थित मोरखीया वाडीलाल केशवलाल परिवार (वासणा वाले) ने लिया, शोभायात्रा एवं धर्मसभा में नगर के स्थानीय एवं भारत के विभिन्न राज्यों के नगर से पघारे अनेक गुरु भक्त उपस्थित रहे, *धर्मसभा आचार्य भगवंत श्री के मंगलाचरण से प्रारंभ हुई,* उसके बाद दादा गुरुदेव की तस्वीर पर माल्यार्पण नारोली निवासी वाघजीभाई ककलदास कोरडीया परिवार ने एवं पूण्य सम्राट गुरुदेव तस्वीर पर माल्यार्पण रिंगनोद (मघ्यप्रदेश) निवासी चिरागभाई मानमलजी भंसाली परिवार ने लिया धर्मसभा मे हजारों गुरु भक्तो की उपस्थिति रही *आचार्य भगवंत एवं मुनिराज श्री को कांबली वहोराने का लाभ बड़नगर निवासी संघवी राजेंद्रकुमार शंकरलाल परिवार ने लिया,* इस प्रसंग पर नगर में बिराजमान अनेक समुदायों के श्रमण श्रमणी भगवंत पधारे, मुनि भगवंतो के चातुर्मास प्रवेश के साथ आज खरतरगच्छ समुदाय मुनिराज श्री समयप्रभ सागरजी महाराज का भी चातुर्मास प्रवेश हुआ *चातुर्मास प्रवेश के आयोजन का संपूर्ण लाभ त्रिस्तुतिक जैन संघ पाटण की आज्ञा से मुनिराज श्री चारित्ररत्न विजयजी महाराज के संसारी काका परिवार के जेठीबेन चीमनलाल शेठ परिवार की ओर से शान्तिभाई शेठ(थराद त्रिस्तुतिक जैन संघ मुंबई के अध्यक्ष ओर मोहनखेड़ा महातीर्थ के ट्रस्टी) ने लिया* संचालन संजयभाई मोदी ने किया,
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