समाधान का हिस्सा बनना सच्ची राष्ट्रसेवा है : ब्रिगेडियर बी.के. पंवार
समाज से जुड़कर ही राष्ट्र सेवा संभव : प्रो. आशा शुक्ला, कुलपतिबुलंद भारत को तैयार करने में डॉ. अम्बेडकर विश्वविद्यालय की अग्रणी भूमिका: प्रो. आशा शुक्ला, कुलपति
स्कूल ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड काउंटर इंटरर्जेंसी एंड काउंटर टूरिज्म सर्टीफिकेट कोर्स, डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, महू में ‘नक्सल ऑपरेशन एंड लेसन्स’ विषय पर राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन
महू (इंदौर)। सेना और पुलिस समाज से जुड़कर सीखती है। समाज को साथ लेकर ही सैन्य बल अपने राष्ट्र निर्माण के कार्य को अंजाम देता है। आजादी मिलने के उपरांत मन में प्रसन्नता थी तो भी कहीं अधिक थी। कई विषमताओं के बावजूद हम विभिन्न रियासतों को अपने राष्ट्र में मिलाने में सफल रहे. सेना सदैव समाज को देने का प्रयास करता है। 22 अक्टूबर 1947 का दिन बेहद खास है। 22 अक्टूबर 1947 को कश्मीर के राजा हरिसिंह ने भारतीय सेना से मदद आत्म रक्षा की मदद मांगी। यह भारतीय सैन्य पराक्रम ही रहा जिसकी बदौलत वह अपनी रक्षा कर सका। रियासत का विलय में भारत में हो सका। भारतीय सेना निरंतर अपने विजय का पताका लहराती जा रही है। उक्त बातें डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, महू में ‘नक्सल ऑपरेशन एंड लेसन्स’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय परिसंवाद में काउंटर टूरिज्म एंड जंगल वारफेयर कालेज कांकेर, छत्तीसगढ़ के ब्रिगेडियर बीके पंवार ने बतौर मुख्य वक्ता कहीं।
ब्रिगेडियर ने अपने उद्बोधन को बढ़ाते हुए कहा कि समाचार पत्रों में सैनिकों की ख़बरें हमें विचलित करती हैं लेकिन सेना विचलित हुए बगैर निरंतर समाधान की तलाश में लगी रहती है। देश में जहाँ 231 जिलों में नक्सलियों ने अपना कब्जा जमाया हुआ था, वहीं आज यह आंकड़ा घटकर 25 रह गया है. मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व काल में यह आंकड़ा शून्य हो जायेगा और देश में अमन और शांति का बिगुल बजेगा।
डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशा शुक्ला ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय निरंतर राष्ट्र समर्पित कार्यक्रमों के आयोजनों में अग्रणी रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत कार्यक्रमों में हम उन वीर महापुरुषों को ही याद करते हैं जिन्होंने राष्ट्र को समर्पित चेतना को उद्गारित किया। सैन्य स्कुल महू के साथ जुड़कर हम सैनिकों को विभिन्न मुद्दों पर जागरूक करने का प्रयास करते है. किसी भी राष्ट्र का कल्याण लोगों में जनजागरण से ही संभव होता है. आज का कार्यक्रम निश्चित तौर पर लोगों में राष्ट्र के प्रति जनजागरण का काम किया है।
कार्यक्रम में विषय प्रवर्तन प्रो.डीके.वर्मा डीन, ब्राउस, कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. बिंदियाँ तातेड़ ने किया. इस अवसर पर ब्राउस के डीन प्रो. डी देवनाथ, डॉ. मनीषा सक्सेना, डॉ. शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी सहित अध्यापक, विद्यार्थी, शोधार्थी तथा एनसीसी कैडेट विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जुड़े रहे। यह कार्यक्रम ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों रूप में आयोजित हुआ।
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