सीडीएस जनरल बिपिन रावत को दी श्रद्धांजलि~ यशवन्त जैन

चंद्रशेखर आज़ाद नगर।

बस स्टैंड स्थित आजाद गेट के समक्ष नगर के प्रबुद्ध जनों, नागरिकों व युवाओं ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल श्री बिपिन जी रावत की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी । सार्वजनिक रूप से श्रद्धांजलि हेतु आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व विधायक व सांसद प्रतिनिधि माधौसिंहजी डावर, नगर परिषद अध्यक्षा श्रीमती निर्मला जी डावर, भाजपा पिछड़ा वर्ग जिलाध्यक्ष अजयजी जायसवाल, भूपेंद्र जी डावर,  मंडल अध्यक्ष मनीष शुक्ला, सुरेश माहेश्वरी, हुजैफा असद, धर्मेंद्र जायसवाल, भूपेंद्र चौहान, आम आदमी पार्टी जिलाध्यक्ष दिलीपसिंह भूरिया, पार्षद नरेंद्र परमार सहीत कई युवाओं व प्रबुद्ध जनों से पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी । कार्यक्रम के अंत मे पुलिस विभाग से थाना प्रभारी विजय देवड़ा सहित जवानों ने भी श्रद्धांजलि दी



बिपिन रावत को कुछ समय पहले तक लोग थलसेना के 27वें प्रमुख के रूप देश जानता था पर अब वे इस पद से रिटायर्ड हो चुके थे।. उन्हें इससे भी बड़ा पद संभालने के लिए मिला था और भारतीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था बिपिन रावत को देश का पहला cds अधिकारी यानि चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ बनाया गया था।. यह पद आज से पहले किसी को नहीं मिला था cds का काम है थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनो के बिच तालमेल बैठाना. सीधे शब्दों में कहूँ तो यह रक्षा मंत्री के प्रमुख सलाहकारों में शामिल है और वे तींनो सेनाओं को निर्देश देंगे, हालाँकि इनका काम किसी भी सैन्य एक्टिविटी में दखल देना नहीं है. यह सिर्फ तीनो सेनाओं के बिच तालमेल बैठाने का काम करेंगे. हालही में बिपिन रावत जी तमिलनाडु के कुन्नूर अपनी पत्नी के साथ हेलीकाप्टर में जा रहे थे, लेकिन उनका हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसके चलते उनकी एवं उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई. कहा जा रहा है ये किसी आतंकी दल की साजिश हो सकती है. इसकी पुष्टि अभी तक नहीं की गई है. आज हम इस आर्टिकल में बिपिन रावत के जीवन के बारें में बताने वाले 



बिपिन रावत का जीवन परि

नाम बिपिन राव

जन्म दिनांक 16 मार्च 1958 (देहरादून

सेवा भारतीय सेना में

पद देश के प्रथम cds अधिका

उम्र 61 वर्ष

वैवाहिक स्थिति विवाहि

पत्नी का नाम मधुलिका रा

जाती (धर्म) (caste) क्षेत्रीय राजपूत (हिन्दू धर्म

बच्चे 2 बेटियां

राशि वृ

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बिपिन रावत कौन थे

बिपिन रावत जी भारतीय थलसेना के चीफ रह चुके हैं हालही में कुछ समय पहले उन्हें तीनों सेना का प्रमुख यानि कि चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ बनाया गया था, जिनका काम होता है थलसेना, जलसेना एवं वायुसेना तीनों के बीज तालमेल बैठना


बिपिन रावत का जन्म, शिक्षा एवं शुरूआती जीवन (birth, education, early li

बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958  को देहरादून में हुआ. बिपिन रावत के पिताजी एल एस रावत भी फ़ौज में थे और उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल एलएस रावत के नाम से पहचाना जाता था. इनका बचपन फौजियों के बीच ही बीता और इनकी शुरूआती पढाई सेंट एडवर्ड स्कुल शिमला में हुई. उसके बाद उन्होंने इंडियन मिलट्री एकेडमी में एडमिशन लिया और देहरादून चले आये. यहाँ उनकी परफोर्मेंस को देखते हुए उन्हें पहला सम्मान पत्र मिला जो sword of honour से सम्मानित किया गया था. उसके बाद उन्होंने अमेरिका में पढाई करने का मन बनाया और वो अमेरिका चले गये यहाँ उन्होंने सर्विस स्टाफ कॉलेज में ग्रेजुएट किया. साथ में उन्होंने हाई कमांड कोर्स भी किया


बिपिन रावत भारतीय आर्मी में शामिल (bipin rawat in indian arm

आर्मी ज्वाइन कब की 16 दिसंबर 197

पहली जोइनिंग गोरखा बटालियन 

बिपिन रावत अमेरिका से लौट आये और उसके बाद उन्होंने आर्मी में शामिल होने का मन बनाया. उन्हें अपने प्रयासों में सफलता 16 दिसंबर 1978 में मिली. उन्हें गोरखा 11 राइफल्स की 5वीं बटालियन में शामिल किया गया. यहीं से उनका सैन्य सफर शुरू हुआ. यहाँ बिपिन रावत जी को सेना के अनेक नियमों को सिखने का मौका मिला और उन्हें कैसे एक टीम वर्क करना चाहिए यह भी उनके समझ में आया. बिपिन रावत ने बताया था एक इंटरव्यू में की उनकी जिंदगी में उन्होंने गोरखा में रहते हुए जो सिखा वो कहीं और सिखने को नहीं मिला है. यहाँ उन्होंने आर्मी नीतियों को समझा और नीतियों के निर्माण में कार्य किया. गोरखा में रहते हुए उन्होंने आर्मी की अनेक जैसे crops , goc-c , southern  command, ima dehradun , milltery opreations directoret में logistics staff officer के पद पर भी काम किया




बिपिन रावत अंतराष्ट्रीय स्तर सैन्य सेवाएँ (bipin rawat military servi

अंतराष्ट्रीय स्तर पर 7000 लोगों की जान बचा

देशों में सेवा दी नेपाल, भूटान, कजाकिस्तान इत्यादि

 बिपिन रावत ने भारत में ही नहीं अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी सेवायें दी है. वे कांगो के un mission के भागीदार थे और उसी वक्त उन्हें अंतराष्ट्रीय स्तर पर सेवायें देने का मौका मिला था. यहाँ उन्होंने 7000 लोगों की जान बचाई थी


बिपिन रावत पुरस्कार (bipin rawat awa

anti vishisht seva medal विशिस्त सेना मैड

yudh seva medal युद्ध सेना मैड

बिपिन रावत जी को सेना में रहते हुए सेना में अनेक तरह के पुरस्कार भी मिले हैं. उन्हें युद्ध नीति को सीखते हुए अपने कौशल का सही इस्तेमाल करते हुए आर्मी में अनेक मैडल प्राप्त किये है. उन सभी मैडल का विवरण हम निचे परिचय बिंदु में देने जा रहे हैं. इनके 37 साल के आर्मी करियर में इन्हें अनेक अवार्ड मिले है और उन सभी की लिस्ट बनाना संभव नहीं है


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बिपिन रावत सेना आर्मी चीफ (bipin rawat army ch

सेना प्रमुख पद संभाला 31 दिसंबर 201

सेना प्रमुख पद से इस्तीफा 31 दिसंबर 201

सेना प्रमुख पद पर सेवायें 3 वर्ष

बिपिन रावत जी को सेना का प्रमुख बनाया गया. उन्हें 31 दिसंबर 2016 को दलबीर सिंह सुहाग का उत्तराधिकारी बनाया गया. यह पद बिपिन रावत के जीवन का अहम पद है. इस पद पर आने के बाद उन्हें पुरे भारत में एक खास पहचान मिली और वे भारतीय सेना के 27वें प्रमुख बने. उन्होंने इस पद की कमान 1 जनवरी 2017 को संभाली थी


बिपिन रावत देश के पहले cds अधिकारी (bipin rawat c

परिचय बिंदु परिच

सेना प्रमुख से इस्तीफा 31 दिसंबर 201

पहले cds अधिकारी 1 जनवरी 2020 को कार्य संभाला

बिपिन रावत ने सेना के प्रमुख पद से 31 दिसंबर 2019 को भारतीय सेना के प्रमुख पद से इस्तीफा दिया और उन्होंने देश के पहले cds अधिकारी की कमान संभाली. यह पहले वो इंसान है जिसे भारतीय cds अधिकारी बनाया गया है. cds यानि चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ अधिकारी होता है जो थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनो के बिच तालमेल का कार्य करता है और रक्षा मंत्री और गृहमंत्री का मुख्य सलाहकार होता है


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बिपिन रावत की सैलरी (bipin rawat salar

बिपिन रावत जी की सैलरी 2,50,000 रूपये प्रतिमाह थी, किन्तु कोरोना काल में बिपिन रावत जी ने ये ऐलान किया था कि वे अपनी सैलरी में से 50,000 रूपये हर महीने पीएम फण्ड में देंगे


बिपिन रावत की मृत्यु एवं कारण (bipin rawat death and reaso

आज यानि 8 दिसंबर को जब बिपिन रावत जी अपनी पत्नी के साथ हेलिकॉप्टर में थे, तो तमिलनाडु के कुन्नूर के पास उनका हेलिकॉप्टर अचानक से क्रेश हो गया. जिसके चलते उनकी एवं उनकी पत्नी दोनों की मृत्यु हो गई. इस हेलिकॉप्टर में बिपिन रावत और उनकी पत्नी सहित 14 लोग मौजूद थे, जिनमें से 13 लोगों की मौत हो चुकी है और 1 ग्रुप कैप्टेन वरुण सिंह गभीर रूप से घायल हुआ है, जिसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है


बिपिन रावत लेटेस्ट न्यूज़ (bipin rawat latest new

बिपिन रावत जी की हालही में एक हेलिकॉप्टर हादसे में मृत्यु हो गई है. जिस पर रक्षा मंत्री एवं प्रधानमंत्री जी ने दुःख प्रकट किया है. सूत्रों की मानें तो इसके पीछे आतंकी दलों की एक बहुत बड़ी साजिश हो सकती है. लेकिन इस बात की अब तक कोई भी पुष्टि नहीं हुई है. किन्तु जांच अभी जारी है. इस खबर के बाद पूरे देश में लोग दुःख प्रकट कर रहे हैं


बिपिन रावत का लेखन के प्रति प्यार (bipin rawat as a write

परिचय बिंदु परिच

बिपिन रावत के शौंक फुटबॉल खेलना एंव लेखन इत्यादि

 बिपिन रावत जी को एक अच्छा लेखक भी कहा जाता है. उनके अनेक लेख पत्रिकाओं में पब्लिश होते है. वह भारतीय राजनीति पर अनेक तरह के कटाक्ष लिखते हैं. अपने लेखन की मदद से बिपिन रावत अपनी बात को लोगों तक पहुँचाने का कार्य करते हैं. आज उनके लेख पूरी दुनिया में पढ़े जाते हैं और बहुत सी ऐसी बातें लिखते हैं, जो भारतीय समाज में अहम भूमिका निभाती है


बिपिन रावत के सुविचार (bipin rawat quot

बिपिन रावत हमेशा देश के अहम मुद्दों एंव सुरक्षा को लेकर लिखते रहते है. उनकी अनेक ऐसी बातें जो हमें उर्जावान बनाने में काम आती है


पद कोई भी हो, उसे सही तरीके से निभाने के लिए टीम वर्क बहुत जरूरी है

उन देशभक्तों की बराबरी हम नहीं कर सकते जो सियाचिन की ठंड में देश की सेवा करते हैं

देश की सुरक्षा के लिए हम अकेले कुछ नहीं करते, हमारा हर एक सैनिक इसमें भागीदार होता है. इतना ही नहीं देश का हर एक नागरिक देश के लिए कुछ ना कुछ तो जरुर करता है

बिपिन रावत ने अपनी जिंदगी के अहम 37 वर्ष आर्मी के नाम किये है. अब उनके उपर और भी अनेक जिम्मेदारियां है और अब वह देश के सुरक्षा मंत्री के मुख्य सलाहकारों में से एक हैं. बिपिन रावत जी हमेशा कहते थे की उन्होंने अकेले कुछ नहीं किया है वह जो भी उनकी टीम की वजह से है. उन्होंने गोरखा बटालियन से शुरुआत की थी उसके बाद उन्होंने आर्मी में अनेक पदों पर कार्यभार संभाला. उसके बाद वे आर्मी चीफ बने, उसके बाद वे भारत के पहले cds अधिकारी भी नियुक्त हुए थे।....es).यr).s).n).y)रें.9यds).96ief).ललrd).ईces).58y).fe).  षभ)वततरी)तचय हैं.।र बाद वे आर्मी चीफ बने, उसके बाद वे भारत के पहले CDS अधिकारी भी नियुक्त हुए थे।




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