प्राचीन जलनगरी में अब बिन पानी सब सून...., मुख्यमंत्री की घोषणा अधूरी अभी मांडू की पहुंच से दूर नर्मदा पशोपेश में इन्वेस्टर्स

आशीष यादव, धार

 इतिहास गवाह है की मांडू में कभी 750 जल संरचनाएं थी और इसे जल नगरी कहा जाता था! पर वर्तमान यहां बिन पानी सब सून है ! योजना को वर्षों बीत जाने के बाद भी नर्मदा अभी मांडू की पहुंच से दूर हैं! प्रदेश सरकार ने इन्वेस्टर्स को सुहाने सपने दिखाकर मांडू में सैकड़ों बीघा जमीन तो आवंटित कर दी पर पानी की कमी के चलते वर्षों बीत जाने के बाद भी काम शुरू नहीं हो पाए हैं! बेबस सरकार अपने ही प्रशासनिक विभागों से परेशान है नर्मदा का जल मांडू ना पहुंचे इसे लेकर शासकीय विभाग ही अड़ंगा लगाए हुए हैं विभाग का दावा है कि 92% कार्य पूर्ण हो चुका है वन विभाग की अनुमति मिल जाए तो योजना का रूप ले लेगी!

मुख्यमंत्री की घोषणा अधूरी 6 वर्षों बाद भी मांडू नहीं पहुंचा नर्मदा का जल

« मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मांडू पहुंच 2016 में नर्मदा जलआवर्धन के लिए 37 करोड की दी थी स्वीकृति

« बजट की स्वीकृति के बावजूद भी कछुआ चाल से चल रहा काम!

« 2019 में मांडू पहुंचना था नर्मदा का जल 3 साल बाद 2022 तक भी योजना का काम नहीं हुआ पूरा!

« मांडू से 23 किलोमीटर दूर धर्मपुरी से लिफ्ट करा कर नर्मदा जल मांडू लाने के लिए बनी है योजना ताकि जल संकट दूर हो और पर्यटन उद्योग विकसित हो!


इन्वेस्टर्स पशोपेश में अरबों के प्रोजेक्ट लटके अधर में

 « इन्वेस्टर्स मीट के बाद मुख्यमंत्री ने कई बड़े होटल इंडस्ट्रीलिस्ट को मांडू में उपलब्ध कराई है सैकड़ों बीघा जमीन

« 2016 में आवंटित हुई थी जमीन 5 वर्ष बीत जाने के बाद 2021 तक एक स्थान को छोड़कर शुरू नहीं हो पाए अधिकांश निर्माण

« ऑरेंज काउंटी ग्रुप बेंगलुरु को 13 हेक्टेयर जमीन दी है यह प्रोजेक्ट 100 करोड़ का है! स्टेट एक्सप्रेस ग्रुप नई दिल्ली उदयपुर के एक होटल व्यवसाई को लगभग कहीं हेक्टेयर जमीन कराई उपलब्ध कराई है जहां करोड़ों के प्रोजेक्ट लंबित हैं!

« पानी की कमी के चलते वर्तमान हालात देख नए इन्वेस्टर मांडू आने को नहीं हो रहे तैयार पिछड़ रहा पर्यटन


2.8 किलोमीटर विद्युतीकरण के लिए वन विभाग नहीं दे रहा अनुमति

फिलहाल योजना में सबसे बड़ा अड़ंगा वन विभाग की तरफ से लगाया जा रहा है! धरमपुरी से मांडू के बीच ब्राह्मणपुरी से भगवानिया गांव तरफ और ब्राह्मण पुरी से मांडू की लगभग 2.8 किलोमीटर के क्षेत्र में वन विभाग की जमीन है जहां विद्युतीकरण के लिए पोल्स लगना है के इसके लिए अनुमति का इंतजार है पिछले 3 वर्षों से लगातार वन विभाग को अनुमति के प्रयास किए जा रहे हैं!


देखरेख के अभाव में नष्ट हो चुकी जल संरचनाएं

प्राचीन समय में मांडू मालवा का एक बड़ा शहर था और यहां अद्भुत जल रचनाओं का निर्माण हुआ था यहां अंडर ग्राउंड वाटर स्ट्रक्चर का निर्माण हुआ था! आज भी कई वैज्ञानिक यहां की जल संरचनाओं पर शोध करने आते हैं ध्यान न देने के कारण सभी जल संरचनाएं नष्ट हो चुकी है जल के स्रोत अवरोधित हो गए हैं और अब मांडू जल संकट की चपेट में है पर्यटन उद्योग जल अभाव में पनप नहीं पा रहा है!


92% कार्य पूर्ण जल्द नर्मदा का जल पहुंचेगा मांडू

" मांडू जल आवर्धन योजना का कार्य 92% प्रतिशत तक पूर्ण हो गया है! वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के मुख्य टंकी तक पानी पहुंचाने का प्रयास भी सफल हो गया है ! योजना क्षेत्र में बीच में आ रही वन विभाग की जमीन पर विद्युतीकरण के लिए पोल्स लगाना है! वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के हम संपर्क में हैं जिला प्रशासन भी पूरा सहयोग कर रहा है! अनुमति मिलने के कुछ ही दिनों में मांडू नर्मदा का जल पहुंच जाएगा!~~ शालिनी तंवर, असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर, नर्मदा जल आवर्धन योजना मांड                                                                                                                   

सब तैयार है बस पानी का इंतजार है

हमारे ऑरेंज काउंटी होटल एंड रिजॉर्ट्स द्वारा मांडू में 13 हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 100 करोड रुपए की लागत इवॉल्व बैक झाबरी फोर्ट के नाम से होटल बनाया जाएगा 2016 में जमीन दी गई थी हमारे पास नक्शा वर्कर बजट सहित पूरी प्लानिंग तैयार है बस पानी का इंतजार हैं अधिकारियों ने बताया है कि जल्द नर्मदा का जल मांडू पहुंचेगा!~~अभिजीत जोशी, प्रोजेक्ट मैनेजर,  इवॉल्व बैक झाबरी फोर्ट ऑरेंज काउंटी ग्रुप                           

           



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