आशीष यादव, धार
धार के शासकीय पीजी कालेज में लगभग दस हज़ार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।इन विध्यार्थियों की उपस्थिति 75 प्रतिशत होने पर ही उन्हें परीक्षा में बैठने दिया जाता है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने पीजी कालेज के प्रशासनिक अधिकारी इंज़ूम खान से ये बातें सुन ख़ासे नाराज़ हुए। दरअसल कलेक्टर डॉ जैन ने सरदारपुर और पीजी कालेज के प्राचार्यों को उनके यहाँ विध्यार्थियों के एड्मिशन और कालेज में उपलब्ध सुविधाओं के सम्बंध में चर्चा करने तलब किया था। मेन कन्सर्न था कि ज़िले में तेरह जगहों पर शासकीय कालेज हैं। छात्र अपने निवास के नज़दीक के कालेज में एड्मिशन ना लेकर धार कालेज में क्यों पढ़ना चाहते हैं। उन्होंने खान से पूछा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ने कालेज को क्या ग्रेड दिया। जवाब मिला ‘सी’। कलेक्टर बोले कम से कम पढ़ाई का अच्छा स्तर यहाँ प्रवेश लेने का कारण नहीं है।उन्होंने ये भी पूछा कि क्या सब स्टूडेंट्स नियमित कक्षायें अटेंड करते हैं। जवाब में श्री खान संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। कलेक्टर ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि छात्र छात्राओं का कालेज में ना आना और उसकी उपस्थिति 75 प्रतिशत दिया जाना,यह आपत्तिजनक है। फ़र्ज़ी उपस्थिति दिए जाने से उन बच्चों के पढ़ाई के स्तर में कितनी हानि होती होगी वे क्या सीख पाएँगे। सभी कालेज प्राचार्य इस बात पर ध्यान देकर नियमित कक्षायें लगने और उनके बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करें।
सालों से जमे हैं इंदुम खान धार कॉलेज में
बता दे के धार कॉलेज में इन जुखाम सालों से जमे हुए हैं वहीं सरकार बदलने के बाद इनका तबादला कर दिया मगर तबादला होने के बाद या अन्य जगह नहीं जाते हुए कोर्ट द्वारा स्टे लाकर पूर्ण में धार पीजी कॉलेज में ही जमे हुए हैं।
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