नियमो को ताक पर रखकर चल रहा था धारेश्वर हॉस्पिटल सीएमएचओ रघुवंशी ने की करवाई, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निरीक्षण के बाद की कार्रवाई, 15 दिन में नियमों की पूर्ति नहीं होने पर रजिस्ट्रेशन होगा निरस्त

आशीष यादव, धार 

शहर के जवाहर मार्ग पर संचालित हो रहे धारेश्वर हॉस्पिटल एवं मल्टीस्पेशिलीटी सेंटर का लाइसेंस स्वास्थ्य विभाग ने पंद्रह दिन के लिए निलंबित कर दिया है। पंद्रह दिनों तक हॉस्पिटल में कोई भी नया मरीज भर्ती नहीं होगा। साथ ही अस्पताल में पाई गई विभिन्न कमियों को भी इस अवधि में पूरा करना होगा। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है। इसमें विभिन्न बिंदुओं पर मिली कमियों को सुधारने के लिए कहा गया है।

गौरतलब है कि जबलपुर में हॉस्पिटल में आगजनी की घटना के बाद प्रदेशभर में अस्पतालों का निरीक्षण कर कमियों को नोटिफाई किया जा रहा है। नियम विरूद्ध चल रहे अस्पतालों को सील कर ताला लगाया जा रहा है। इसके तहत २९ अगस्त को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने धारेश्वर हॉस्पिटल का निरीक्षण किया था। इस दौरान विभिन्न बिंदुओं पर टीम को कमियां मिली है। इस पर सीएमएचओ डॉ. शिरीष रघुवंशी ने संबंधित अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया है।

ये मिली कमियां

- निरीक्षण में खासतौर पर फायर सेफ्टी देखी गई। लेकिन अस्पताल के पास अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र यानी फायर एनओसी नहीं थी। सबसे पहली अनिवार्यता ही निरीक्षण में यही रखी जा रही है। बावजूद बगैर फायर सैफ्टी ऑडिट के अस्पताल का संचालन पाया गया। प्रबंधन द्वारा प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत नहीं किया गया।

- अस्पताल में स्वीकृत ५० बेड पर अनिवार्य डॉक्टर भी कम पाए गए। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में सिर्फ दो ही डॉक्टर मौजूद थे। नियमानुसार चिकित्सक उपलब्ध नहीं थे।

- रेसीडेंट चिकित्सक की जानकारी व रोस्टर भी टीम को निरीक्षण के दौरान नहीं मिला है।

१५ दिन लाइसेंस सस्पेंड

निरीक्षण के बाद टीम की रिपोर्ट के आधार पर सीएमएचओ डॉ. रघुवंशी ने अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर १५ दिन के लिए अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है। इस अवधि में अस्पताल में नए मरीज भर्ती नहीं होंगे। सिर्फ इमरजेंसी ओपीडी संचालन करने की अनुमति रहेगी। साथ ही इस अवधि में अस्पताल प्रबंधन को व्यवस्थाएं भी सुधारना होगी।

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

गौरतलब है कि बीते एक माह से स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा लगातार लापरवाही कर अस्पताल चलाने वाले जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जा रही है। इसके पूर्व टीम शहर के आधा दर्जन अस्पतालों को नोटिस देकर अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर चुकी है। जबकि धार के नोबल हॉस्पिटल को बंद करने के आदेश दिए जा चुके है। 



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