आशीष यादव, धार
धार नगर पालिका ने पकड़े थे आवारा पशु, लक्षण मिलने पर दी गई सूचना
धार. देश के कई राज्यों में पशुओं में फेला चुका संक्रमण के मामले में धार में सतर्कता बरती जा रही है। हालांकि निमाड़ के बाद धार शहर में एक गौवंश में लंपी वायरस के हल्के लक्षण देखने को मिले है। बुधवार देर शाम नगर पालिका धार की टीम ने इसकी सूचना पशुपालन विभाग धार को दी थी। इसके बाद गौवंश को आइसोलेशन में रखकर इलाज दिया जा रहा है। साथ ही गौवंश के सैंपल भी जांच के लिए भिजवाए गए है। ध्यान रहे इसके पूर्व भी एक सैंपल जांच के लिए भेजा चुका है। लेकिन उसमें भी लंपी वायरस की पुष्टि नहीं हुई थी। गाय के शरीर पर लक्षण दिखने लगे थे। ऐसे में इलाज देने पर वक्त पर गाय की हालत में सुधार हो गया था। धार में जो गौवंश मिला है, उसकी हालत स्थिर है। इस कारण उसे आइसोलेशन में रखकर निगरानी की जा रही है। पशुपालन विभाग के उप संचालक डॉ. जीडी वर्मा ने बताया नगरीय निकाय धार में एक गौवंश को आइसोलेट किया है। उसके सैंपल जांच के लिए भेजे गए है। अब तक जिले में लंपी वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि यह गौवंश धार का नहीं है। टैग की जांच करने पर यह टैग धार का नहीं मिला है।
इस तरह समझे लंपी वायरस है क्या
भारत में सबसे पहले यह बीमारी साल 2019 में पश्चिम बंगाल में देखी गई थी। इस वायरस का अभी तक कोई टीका नहीं है, इसलिए लक्षणों के आधार पर दवा दी जाती है। लंपी त्वचा संबंधी बीमारी के संक्रमण में आने के बाद पशु दूध देना कम कर देते हैं। ऐसे में बहुत से परिवार जिनकी जीविका दूध उत्पादन से चल रही थी। उनके सामने परेशानी खड़ी कर दी है। बीमारी के जानकार बताते हैं कि जानवरों की इस बीमारी से पशुपालकों में खौफ बना हुआ है।
इस तरह फैलता है जानवरों में
जानवरों में लंपी एलएसडी कैप्रीपॉक्स से फैलती है। अगर एक पशु में संक्रमण हुआ तो दूसरे पशु भी इससे संक्रमित हो जाते हैं। ये बीमारी, मक्खी-मच्छर, चारा के जरिए फैलती है, क्योंकि पशु भी एक राज्य से दूसरे राज्य तक आते-जाते रहते हैं। जिनसे ये बीमारी एक से दूसरे राज्य में भी फैल जाती।
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