क्या जनता में सही संदेश जा रहा है "आईएएस के कुत्ते को खोजने में लगी जिले भर की पुलिस" वाली खबर से




इस समय प्रदेश ही नहीं देश भर में एक खबर हर चैनल और लगभग हर अखबार के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर देखी जा रही है जिसमें यह बताया जा रहा है कि एक आईएएस अधिकारी जो मध्यप्रदेश कैडर के हैं और फिलहाल केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं, का एक कुत्ता नहीं मिल पा रहा है जो कहीं खो गया है। 

खबरों में यह भी बताया जा रहा है की ग्वालियर के पास के एक ढाबे से वह कुत्ता गायब हो गया जब आईएएस अधिकारी के कर्मचारी उस ढाबे पर खाना खाने के लिए रुके थे। जाहिर है आईएएस अधिकारी के प्रभाव के कारण और उनके छोटे भाई जो कि स्वयं भी एक आईएएस अफसर है और ग्वालियर में नगर निगम कमिश्नर के तौर पर पदस्थ रहे हैं,तक भी यह बात पहुंची।

आनन-फानन में जिले भर की पुलिस और अधिकारी उस कुत्ते को खोजने में लग गए हैं। हमें या किसी को भी इस मामले में कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए कि एक कुत्ते के लिए पूरा महकमा क्यों लग गया है पर एक आम आदमी के दिमाग में यह बात आ सकती है कि प्रदेश और देश भर में हजारों की संख्या में बच्चे और बेटियां गायब हो जाते हैं पर ना तो उनके लिए पुलिस इस तरह से लगती है ना ही उनकी माता पिता के दर्द को जरा सी भी तवज्जो दी जाती है।

 ऐसे में उन माताओं और पिताओ को वाकई झटका लग सकता है जिनके बच्चे सालों या महीनों से लापता है पर पुलिस उनके मामले में किसी भी तरह की फुर्ती नहीं दिखा रही है। 

जाहिर है इस खबर को लिखने के पीछे का उद्देश्य ही है कि इस तरह की खबर से आम आदमी के मन में सिस्टम के प्रति अजीब सा अविश्वास और गुस्सा भी आ जाता है।

 दरअसल, मध्यप्रदेश की ग्वालियर पुलिस एक IAS अफसर के डॉगी की तलाश में हलाकान है. IAS अफसर के दो डॉगी भोपाल से दिल्ली ले जाए जा रहे थे. शुक्रवार रात ग्वालियर जिले के बिलौआ के पास IAS का स्टाफ खाना खाने के लिए ढाबे पर रुका, उसी दौरान एक डॉगी भाग निकला. एमपी केडर के IAS अफसर के इस डॉगी की तलाश में पुलिस ने पूरा इलाका खोज लिया, जब डॉगी का पता नहीं चला तो उसके पोस्टर चस्पा किए गए हैं.



बताया जा रहा है कि दिल्ली में तैनात एमपी केडर के IAS अफसर राहुल द्विवेदी के 2 डॉगी कार से भोपाल से दिल्ली ले जाए जा रहे थे. शुक्रवार रात को कार से डॉगी को ले जा रहा स्टाफ बिलौआ के पास एक ढाबे पर खाना खाने के लिए रुका. स्टाफ के लोग जब खाना खा रहे थे, उसी दौरान कार में से दोनों डॉगी भाग निकले. डॉगी के भागने के बाद हड़कंप मच गया. स्टाफ ने खोजबीन के बाद एक डॉग को पकड़ लिया. लेकिन दूसरे डॉगी का कोई पता नहीं चला.



थक हार कर स्टाफ ने दिल्ली में IAS अफ़सर को फोन पर घटना की जानकारी दी. दिल्ली से IAS अफसर राहुल द्विवेदी ने अपने भाई एमपी के IAS अफसर अनय द्विवेदी को फोन लगाकर घटना की जानकारी दी. पूर्व में अनय द्विवेदी ग्वालियर में नगर निगम के कमिश्नर रह चुके हैं. लिहाजा उन्होंने ग्वालियर के अफसरों से अपने स्तर पर डॉगी की खोज पड़ताल के लिए बातचीत की.



इसके बाद पुलिस हरकत में आई और लापता डॉगी की खोज पड़ताल में इलाका छान मारा, फिर भी डॉगी का पता नहीं चला तो उसकी खोजबीन के लिए पोस्टर लगवाए गए हैं. जिसमें डॉगी का पता बताने वाले को उचित इनाम देने का जिक्र किया गया है. IAS अफसर के डॉगी को तलाशने के लिए पुलिस 2 दिन से परेशान है, लेकिन इस मामले में अभी तक पुलिस को सफलता नहीं मिली है।

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