जामन्या स्टेट राजपरिवार के शालीवाहन सिंह ने मीडिया के समक्ष रखी सच्चाई – कहा राजनीतिक फायदे के लिए स्टेट के नाम का इस्तेमाल कर रही शुभांगना
आशीष यादव, धार
रियासतकालीन जामन्या स्टेट जो कभी मांडू रियासत के वारिस हुआ और राजा हुआ करते थे। आजादी के बाद जब रियासतों का विलय हुआ तो जामन्या स्टेट भी इसमें शामिल हो गई। अब विरासतें तो नहीं बची, लेकिन शाही परिवार आज भी अपनी परंपराओं और मान्यताओं को निभाते आ रहे है। इसी परंपराओं को निभाते आ रहा है कुंजरोद के जामन्या स्टेट का राजपरिवार शालीवाहन सिंह जी और उनका परिवार। यह पूरा राजपरिवार इन दिनों राजनीतिक धुरी का केंद्र बिंदु बन गया है। इसकी वजह कांग्रेस की संभागीय प्रवक्ता नियुक्त शुभांगना राजे जामन्या कुंजरोद है। दरअसल मप्र में विधानसभा चुनाव दो-तीन माह में होना है। इसके पहले धार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की दावेदारी करने वालों की भी सूची लंबी है। इसमें एक नाम कांग्रेस प्रवक्ता शुभांगना का भी है। शुभांगना का नाम आने के बाद धार विधानसभा में बैनर पोस्टर के जरीए खुद को कुंजरोद जामन्या स्टेट के परिवार से प्रस्तुत किया गया है और यहीं कारण है कि राजपरिवार को मीडिया के समक्ष आकर शुभांगना से राजपरिवार को अलग बताना पड़ रहा है।
परिवार का कोई लेना-देना नहीं,
शुभांगना इंदौर की निवासी शुक्रवार को प्रेसवार्ता में राजमहल मेवास जामन्या के राजपरिवार के राजा शालीवहन सिंह ने बताया कांग्रेस प्रवक्ता शुभांगना राजे पिता ध्रुवराजसिंह जो स्वयं जामन्या(कुंजरोद) द्वारा बीते कुछ दिनों से खुद को राज परिवार से संबंधित बताकर धार विधानसभा से दावेदारी का दुष्प्रचार कर रही है। वर्ष 2005 में राजपरिवार के मूलपुरुष राजा नरेंद्रसिंह जामन्या के मृत्यु के बाद रीतिरिवाज व परंपरानुसार शालीवाहन सिंह कुंजरोद का राज्याभिषेक कर राजगद्दी सौंपी गई थी। इसके लिए राजपरिवार के 86 गांव के मुखियाओं ने परंपरानुसार अपनी सहमति दी। इसके बाद ध्रुवराज सिंह को अनैतिक गतिविधियों और आपराधिक घटनाओं में शामिल होकर न्यायालय द्वारा सजायाफ्ता होने से राजपरिवार से बेदखल कर निष्कासित कर दिया गया था। साथ ही ध्रुवसिंह को पिता की संपत्ती से जो हिस्सा दिया जाना था, वह भी वसीयत अनुसार दिया जा चुका है। इसके बाद राजपरिवार से इनका कोई ताल्लुक नहीं है।
अपने फायदे के लिए बदली जाति
राजपरिवार के शालीवाहन सिंह ने बताया शुभांगना का राज परिवार जामन्या से किसी तरह का कोई संबंध नहीं है। वह स्वयं को मिथ्या तरीके से जमानिया राज परिवार से संबंधित बताकर अवैध फुटेज प्राप्त करने की कोशिश कर रही है। राज परिवार के शालीवाहन सिंह ने बताया कि वसीयत अनुसार ध्रुवसिंह को जो संपत्ती प्राप्त हुई थी, वह संपत्ती का विक्रय कर चुके है और अब मेरे हिस्से की संपत्ती से हिस्सा लेने की नियत रखते है। उन्होंने बताया ध्रुवसिंह ने अपने फायदे के लिए खुद को आदिवासी प्रस्तुत किया। इसके साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए राजपरिवार के शालीवाहन सिंह ने शुभांगना का 6 जून 2014 को एसडीएम कार्यालय धार से जारी स्थायी जाति प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि भी प्रस्तुत की। इसमें शुभांगना की जाति अनुसूचित जाति एवं जनजाति के तौर पर भिलाला बताई गई है, जो कि आदिवासी के तौर पर है। सिंह ने बताया आपराधिक केस से बचने के लिए ध्रुवसिंह द्वारा पंचायत में सांठगांठ कर यह प्रमाण पत्र बनवाए गए थे। जिसका इस्तेमाल अपनेे फायदे के लिए कई बार किए जाते रहे है। पंचायत चुनाव, पुलिस केस और शुभांगना की पढ़ाई में इस प्रमाण पत्र का इस्तेमाल होने का दावा राजपरिवार के शालीवाहन सिंह ने किया है। साथ ही इसकी जांच की भी मांग की है। उन्होंने बताया कलेक्टर धार से लेकर एसपी और पुलिस थानों पर इसकी शिकायत की है, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते न तो कोई जांच की जा रही है और न ही कार्रवाई हुई है।
अब फोन पर मिल रही धमकियां
राजपरिवार के शालीवाहन सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान 24 अगस्त 2023 का एक आवेदन भी साक्षा किया। इसमें ध्रुव सिंह और शुभांगना सिंह पर धमकाने के आरोप लगाए गए है। यह आवेदन मानपुर पुलिस को दिया गया था। इसमें बताया कि ध्रुवसिंह ने अपने हिस्से की जमीन बेच दी है और वह अब मेरे हिस्से की जमीन पर दावा कर मांग कर रहे है। साथ ही ध्रुव सिंह द्वारा फोन पर धमकियां दी जा रही है। साथ ही आवेदन में शुभांगना के मोबाइल नंबर 9425346910 से भी सोशल मीडिया पर धमकियां भरी मैसेज आ रहे है। लेकिन शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होने की बात सिंह ने कही है। उन्होंने कहा कि 10 दिन में कार्रवाई नहीं होती है तो वो और उनका परिवार कलेक्टोरेट परिसर धार में धरना पर बैठेंगे।
हम राजस्थान के सोनगरा राजपूत
प्रेसवार्ता में सिंह ने ध्रुवसिंह और शुभांगना के फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जांच की मांग करते हुए स्पष्ट किया कि वे और उनका परिवार सोनगरा राजपूत से ताल्लुक रखते है। राजस्थान से जुड़ा उनका 800 साल पुराना इतिहास है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी पूरा वंशावली प्रस्तुत कर सकता हूं, जो इस इतिहास की साक्षी रही है। उन्होंने रानी रूपमति को भी इसका हिस्सा बताया और दावा कि रानी रूपमति द्वारा संगीत पर आधारित पांढु लिपियां आज भी उनके पास सुरक्षित है जो इस बात का प्रमाण है। इसके अलावा भी कई साक्ष्य है, जैसे मांडू का सोनगढ़ महल जो जामन्या स्टेट का ही हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा कि शुभांगना यदि अपनी राजपूत होने की बात स्वीकारते हुए चुनाव लड़ती है तो मैं खुद उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। लेकिन जाति प्रमाण और उससे हासिल फर्जी डिग्री पर सिंह ने सवाल उठाते हुए उनकी जांच की मांग की है।
इधर इस मामले में कांग्रेस की संभागीय प्रवक्ता शुभांगना राजे का पक्ष जानने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि मैं लंदन में पढ़ाई कर अपनी नौकरी छोड़कर समाज के लिए कुछ करने आई है। वे मेरे बड़े पापा है, उनके लिए मैं कुछ नहीं बोलूंगी। मैं गांवों में दौरे पर हूं। जाति प्रमाण पत्र को लेकर क्या दावे किए गए है, उसकी जानकारी मुझे नहीं है। मैं अपनी हेड ऑफ द फैमेली यानी अपनी दादी से बात करूंगी। वे इसके बारे में बता पाएंगी। उसके बाद ही मैं कुछ पाउंगी।
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