इसमें भी इंदौर नंबर 1- भिखारी हर दिन कमाते हैं हजारों रुपए


*इंदौर में महिला ने 10-12 दिन में जमा किए 74 हजार रुपये*

🎯 अगस्त में आइटी पार्क के सामने रेस्क्यू किए गए भावना नगर के बुजुर्ग के पास से 29 हजार रुपये मिले थे।

🎯 लवकुश चौराहा से रेस्क्यू की गई महिला के पास से 19 हजार रुपये मिले थे।

🎯 भंवरकुआ चौराह से रेस्क्यू की गई महिला के पास से 870 रुपये मिले, जबकि महिला ब्याज पर पैसे चलाती थी।

🎯 फरवरी में रेस्क्यू की गई लसूडिया मोरी क्षेत्र की महिला ने भिक्षावृत्ति से ढाई लाख जमा किए थे और 50 हजार रुपये की एफडी बच्चों के नाम की थी। महिला मल्हारगंज शनिमंदिर के बाहर रोजाना एक हजार से अधिक रुपये कमा लेती थी।

इंदौर में भिक्षावृत्ति मुक्त अभियान के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग ने हाल ही में 14 महिलाओं और पुरुषों को रेस्क्यू किया। एक महिला के पास 74,748 रुपये मिले, जो एक सप्ताह की कमाई थी। महिला ने बताया कि वह प्रतिदिन औसतन पौने पांच हजार रुपये कमाती है। अब तक 300 लोगों को रेस्क्यू कर उज्जैन भेजा गया है।

स्वच्छता में सिरमौर रहने वाले इंदौर को भिक्षुक मुक्त बनाने की कवायद की जा रही है, लेकिन भिक्षावृत्ति कर रहे कुछ परिवार और महिलाओं ने इसे जरूरत नहीं अपनी आय का जरिया बना लिया है। हाल ही में महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम द्वारा भिक्षावृत्ति कर रही एक महिला को रेस्क्यू किया तो उसके पास से 75 हजार के करीब रुपये मिले। महिला ने बताया कि यह उसकी एक सप्ताह की कमाई है।

महिला एवं बाल विकास विभाग और श्रम विभाग की टीम ने भिक्षावृत्ति मुक्त अभियान के तहत बुधवार को भंवरकुआ, बड़ा गणपति और राजवाड़ा क्षेत्र में जांच की। विभिन्न स्थानों से 14 महिला और पुरुषों को भिक्षावृत्ति करने पर रेस्क्यू किया गया।

बड़ा गणपति क्षेत्र स्थित शनि मंदिर से पालदा निवासी एक महिला को रेस्क्यू किया गया, तो महिला के पास से 74 हजार 748 रुपये प्राप्त हुए। महिला ने यह नोट अपने पल्लू में रखे थे। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधोलिया का कहना है कि जांच दल द्वारा पूछने पर महिला ने बताया कि यह एक सप्ताह की कमाई है।

महिला ने जांच टीम को बताया कि 15 से 20 दिन में इतनी राशि एकत्रित हो जाती है। इस हिसाब से देखे तो महिला प्रतिदिन औसतन पौने पांच हजार रुपये के करीब कमाई करती है। महिला ने बताया कि हमेशा शनिमंदिर और जैन मंदिर के आसपास भीख मांगती है। परिवार में कितने लोग है और रुपये का क्या करती है, यह जानकारी नहीं दी है।


एक से लेकर 500 रुपये तक के नोट

महिला के पास से एक से लेकर 500 रुपये तक के नोट निकले। सबसे अधिक 100 रुपये 423 नोट निकले हैं। वहीं पांच सौ के 22, दो सौ के 18 और 50 के 174 नोट निकले। इसके अलावा महिला के पास से 20, 10 रुपये के नोट और दस, पांच, दो और एक रुपये के सिक्के भी मिले। महिला को सेवाधाम आश्रम उज्जैन भेजा गया है। महिला से प्राप्त रुपयों को भी यहीं पर जमा कराया गया है।


महिला एवं बाल विकास के परियोजना अधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि जिला प्रशासन की पहल पर भिक्षुक मुक्त शहर बनाने का अभियान इसी साल फरवरी में शुरू हुआ था।सात विभागों को लेकर दल गठित किए गए। जुलाई तक भिक्षावृत्ति नहीं करने के लिए समझाइश दी गई।

अगस्त से रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया गया है। अब तक 300 लोगों को रेस्क्यू कर उज्जैन भेजा जा चुका है। करीब दो सौ लोगों को उनके परिजन शपथ पत्र देकर ले जा चुके है। 34 बच्चों को भी रेस्क्यू किया गया है।

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