दिव्यांगजनों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए जागरूकता बढ़ाना जरूरी
इंदौर। इंडेक्स डिपार्टमेंट आफ फिजियोथैरेपी एंड पैरामेडिकल और इंडेक्स स्पेशल स्कूल आरंभ के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जागरूकता रैली इंडेक्स अस्पताल से मालवांचल यूनिवर्सिटी तक निकाली गई। इसमें 52 विशेष बच्चों के लिए आरंभ स्कूल में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर आरंभ स्कूल में विभिन्न डॅाक्टर और शिक्षक,अधिकारी गण उपस्थित रहे। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में औसतन हर दस में से एक बच्चा – यानी करीब 24 करोड़ बच्चे – किसी न किसी तरह की विकलांगता के साथ जीवन जी रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2023 में हर 6 में से एक व्यक्ति यानी वैश्विक आबादी का लगभग 16 प्रतिशत हिस्सा किसी न किसी विकलांगता से पीड़ित है।
तकनीक बन रही दिव्यांगजनो को आत्मनिर्भर बनाने में मददगार
इंडेक्स डिपार्टमेंट आफ फिजियोथैरेपी एंड पैरामेडिकल की प्राचार्या डॅा.रेशमा खुराना ने बताया कि 1992 से हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस 3 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र ने दिव्यांगजन व्यक्तियों के अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (आईडीपीडी) के तौर पर मनाने का निर्णय किया है। आमजन में राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन के हर पहलू में दिव्यांगजनों की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाकर इनके अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस हर वर्ष दुनियाभर में मनाया जाता है।आरंभ स्कूल की संचालिका रेखा जशोदिया ने बताया कि इंडेक्स आरंभ स्कूल में हम कई बच्चों को सामान्य जीवन जीन में मदद करे है। आज के समय में तकनीक दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में कारगर साबित हो रही है। असिस्टिव और एक्सेसिबल तकनीकों ने ऐसे गैजेट्स और एप्लीकेशन तैयार किए हैं, जो शारीरिक और मानसिक परेशानियों से जूझ रहे लोगों के लिए वरदान हैं।
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