नए व्यापार व्यवसाय में मिल सकती है गवर्नमेंट सब्सिडी, सरकारी योजनाओं का फायदा अवश्य उठायें, क्रेडिट ग्यारंटी स्कीम के तहत बैंक बिना सिक्युरिटी के कर सकती है* *5 करोड रुपए तक के लोन स्वीकृत

टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर एवं इंदौर सीए शाखा द्वारा सयुंक्त रूप से "प्रोजेक्ट फाइनेंस" एवं "गवर्नमेंट सब्सिडी स्कीम्स" विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। 

टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सीए जे पी सराफ ने कहा कि सरकारी योजनाओं के तहत उद्योग/निवेश पर सब्सिडी का फायदा उठाया जा सकता हैl उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव निवेशक इन फायदों से वंचित रह जाता है।

टीपीए के मानद सचिव सीए डॉ अभय शर्मा ने बताया कि किसी भी सब्सिडी या सहायता लेने के लिए प्रॉपर डॉक्युमेंटेशन तथा प्रायर अप्रूवल की आवश्यकता होती है l इसके लिए किसी भी सब्सिडी के लिए उचित प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है l अतः आवश्यक है कि किसी प्रोफेशनल के मार्गदर्शन में सब्सिडी की प्रोसेस आगे बढ़ाएं।

 


सीए अरुण जैन ने कहा कि सरकार ने एस.सी., एस.टी. और महिलाओं के लिए विशेष सब्सिडी योजनाएँ बनाई हैंl प्राइम मिनिस्टर एम्प्लॉयमेंट जेनरेशन प्रोग्राम में महिलाओं और एस.सी., एस.टी. के लिए 10 % एक्स्ट्रा सब्सिडी हैl जिसके तहत फायदा लिया जा सकता है l इसके साथ ही मध्यप्रदेश में हॉस्पिटल और विभिन्न मेडिकल जांच सेंटर्स में इन्वेस्टमेंट्स पर भी सब्सिडी का प्रावधान सरकार द्वारा किया गया है।

उन्होंने कहा कि भंडारण गोडाउन, कृषि उत्पादों की सफ़ाई छटाई श्रेणीकरण, शीत गृह, शीत चैन इत्यादि के सम्बन्ध में नाबार्ड की सब्सिडी योजनाएँ हैं जिसके अंतर्गत 25 % से 35% तक सब्सिडी ली जा सकती है l खाद्य प्रसंस्करण और सरक्षण की योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि नई खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाने पर सामान्य श्रेणी के लिए 35% एवं एस.सी., एस.टी. के लिए कैपिटल इन्वेस्टमेंट की 50 % तक सब्सिडी क्लेम की जा सकती है l कपडा उद्योग पर भारत सरकार की 15 % एवं राज्य सरकार की 40 % सब्सिडी ली जा सकती है l सरकार द्वारा सब्सिडी दिए जाने के पीछे मुख्य उद्देश्य भारत में रोज़गार सृजन और आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना करना है।

निर्यात किए जाने वाले उत्पादों को निर्माण पर सरकारी सब्सिडी की जानक़ारी देते हुए बताया कि भारत सरकार APEDA एपीडा स्कीम जो कि कृषि आधारित उद्द्योगों के लिए लाइ गई है जिसके अंतर्गत उद्धमी अलग अलग घटकों पर 25% से 50 % तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकता है l फसल कटाई के बाद लगने वाले उद्योगो पर 35 % तक सब्सिडी क्लेम की जा सकती है इसके अतिरिक्त 2 करोड़ तक के बैंक टर्म लोन ब्याज पर 3 % सब्सिडी भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती है l पेट्रोल के विकल्प की रूप में एथेनॉल की मैन्युफेक्चरिंग यूनिट के निर्माण पर लिए टर्म लोन पर भारत सरकार द्वारा 6 % ब्याज पर एवं राज्य सरकार द्वारा उद्द्योग पर लगने वाले खर्चों पर 10% से 40 % तक की कैपिटल सब्सिडी प्राप्त की जा सकती है l एथेनॉल का उत्पादन बढ़ने का मुख्य उद्देशय पेट्रोलियम पदार्थों पर विदेशी निर्भरता कम करना, विदेशी मुद्रा बचाना तथा पर्यावरण संरक्षण करना है। 

इसी इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, सूक्ष्म, लघु, मध्यम और वृहद् उद्योगो, लॉजिस्टिक हब, फ़ूड पार्क, उद्योग पार्क बनाने पर पर भी 10 % से 40 % तक की सब्सिडी क्लेम की जा सकती है l हेल्थ सेक्टर में हॉस्पिटल, नर्सिंग केयर, डायग्नोस्टिक सेंटर लगाने पर राज्य सरकार की 30 % से 50 % तक की सब्सिडी क्लेम की जा सकती है l उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में टूरिज्म की अपार संभावनाएं है तथा टूरिज्म को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा होटल, रिसोर्ट, एम्यूजमेंट पार्क, एडवेंचर पार्क, वाटर पार्क, कन्वेंशन सेंटर, रोप वे, वे साइड एमिनिटिस इत्यादि पर 15 % से 40 % तक की सरकारी सब्सिडी दी जा रही है l उन्होंने कहा कि स्टार्टस अप को सरकार द्वारा कई प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं जिसके तहत भारत सरकार द्वारा इनकम टैक्स में 3 साल की छूट, उद्धमिता को बढ़ावा देने के लिए 20 लाख से 50 लाख तक की सरकारी सहायता दी जा रही है। 

सीए मनोज पी गुप्ता ने कहा कि केंद्रीय सरकार की क्रेडिट ग्यारंटी स्कीम के तहत कोई भी उद्यमी पांच करोड़ रुपए तक के लोन बिना सिक्युरिटी के ले सकता है । इस योजना का लाभ स्टार्ट–अप्स भी ले सकते है ।इसी तरह कुल बिक्री के पच्चीस प्रतिशत के बराबर वर्किंग कैपिटल लिमिट भी बैंक द्वारा स्वीकृत की जा सकती है । उन्होंने कहा कि किसी भी उद्योग की स्थापना में कर पेशेवरों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है |प्रोजेक्ट स्थापना की लागत का सही मूल्यांकन करना , वित्तीय संस्थाओं की गाईडलाईन को समझते हुए उद्यमियों को सही ब्याज दर पर लोन दिलवाने में कर पेशेवर बहुत सहायक होते है| प्रोजेक्ट को सफलता के लिए लोन चुकाने की सही अवधि , ऋण पूंजी का उचित अनुपात , मोरेटोरियम पीरियड की अवधि , डीसीसीओ का निर्धारण और कंटिजेंसी प्लान जैसे बिंदु बहुत महत्वपूर्ण होते है| कर पेशेवरों का जीएसटी आयकर व कंपनी कानून का ज्ञान भी नए उद्योगों को लाभ दिलाना है।

नए उद्योग की स्थापना के पूर्व यह जरूर तय कर लेना चाहिए कि प्रोपराइटरशिप , पार्टनरशिप, एलएलपी अथवा कंपनी में से कौन सा फॉर्म ज्यादा सहायक होगा । इसके अतिरिक बैक को लोन का आवेदन देने, प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने, रेटिंग करवाने, लोन संबंधी अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करवाने में कर पेशेवरों की विशेषज्ञता उद्योग के बहुत काम में आती है।

सेमिनार का सञ्चालन टीपीए के मानद सचिव सीए डॉ अभय शर्मा ने कियाl धन्यवाद् अभिभाषण सीए दीपक माहेश्वरी ने दियाl इस अवसर पर सीए एस एन गोयल, सीए हितेश मेहता, सीए अजय सामरिया, नीलेंदु दवे, सीए सुनील पी जैन, सीए योगेश तलवार सहित बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थे।

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