जिन्होंने करवाया था वॉरेन एंडरसन को फरार, आज कचरे पर मचा रहे हैं हाहाकार - डॉ राजेश जौहरी, वरिष्ठ पत्रकार

 


डॉ राजेश जौहरी,

वरिष्ठ पत्रकार, विचारक, चिंतक, वक्ता और राजनीतिक विश्लेषक 

ये बात तो जगजाहिर है कि भोपाल गैस कांड की घटना के कुछ ही घंटों बाद यूनियन कार्बाइड भोपाल के कर्ताधर्ता वॉरेन एंडरसन को तत्कालीन भोपाल एसपी स्वराज पुरी ने पूरी पुलिस सुरक्षा में भोपाल से दिल्ली पहुंचने में मदद की थी। यह निर्णय किसी और ने नहीं, बल्कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लिया था, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी कर रहे थे। इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने न केवल एंडरसन को भागने में मदद की, बल्कि उस समय के राजनीतिक और प्रशासनिक ढांचे ने उन पर कोई कार्रवाई भी नहीं की, जिससे गैस कांड के पीड़ितों को कभी न्याय नहीं मिला।

आज, वही कांग्रेस पार्टी कचरे के निपटान के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ विरोध कर रही है। दरअसल, भोपाल गैस कांड के बाद बची हुई जहरीली अपशिष्ट सामग्री को पीथमपुर स्थित रामकी एन्वाइरो इंजीनियर्स में जलाने की योजना पर कांग्रेस पार्टी का विरोध जोर पकड़ चुका है। कांग्रेस का आरोप है कि इस अपशिष्ट जलाने से स्थानीय पर्यावरण को गंभीर नुकसान होगा, और यह कदम न केवल भोपाल गैस कांड के पीड़ितों के साथ अन्याय है, बल्कि पूरी इंदौर , महू, पीथमपुर व धार की जनता के लिए भी घातक साबित हो सकता है। कांग्रेस पार्टी के इस विरोध को अब जनता का समर्थन भी मिल रहा है, खासकर धार, इंदौर और पीथमपुर जैसे क्षेत्रों में।

यह स्थिति तब और दिलचस्प हो जाती है, जब हम देखें कि 1984 में जब वॉरेन एंडरसन को फरार कराने में मदद की गई थी, तो उस समय कांग्रेस की सरकार थी, वही कांग्रेस पार्टी अब पर्यावरणीय खतरे के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रही है। तब, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह थे, और यह निर्देश राजीव गांधी के मार्गदर्शन में ही दिए गए थे। अब कांग्रेस पार्टी के इस आंदोलन और उसको मिलते जनसमर्थन के कारण कुछ मीडिया हाउसेस भी इस मुद्दे पर प्रभावित हुए हैं। जनता से जुड़े मुद्दे के कारण इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव का समर्थन भी इस आंदोलन की हाल ही में मिल गया है।

यह विरोध जताता है कि कांग्रेस पार्टी ने अपने पिछले कृत्यों को नजरअंदाज कर अब पर्यावरणीय मुद्दों पर जनता के बीच अपनी छवि बनाने की कोशिश की है। सवाल यह उठता है कि क्या यह विरोध राजनीति से प्रेरित है या पर्यावरणीय खतरों के प्रति पार्टी की वास्तविक चिंता है? मेरा व्यक्तिगत मानना है कि भले ही कांग्रेस वर्तमान मुद्दे पर सही भी हो पर 1984 में हुई इतनी बड़ी घटना और बजाय कंपनी पर कार्यवाही करने के कांग्रेसनीत केंद्र व राज्य सरकारों ने इतनी बड़ी संख्या में हुई मौतों के जिम्मेदार वॉरेन एंडरसन को देश से सुरक्षित भागने में मदद की थी।

यह घटनाक्रम यह भी दर्शाता है कि जब तक हम गंभीर और दूरदर्शी कदम नहीं उठाते, तब तक हम पुरानी गलतियों और वर्तमान की समस्याओं के बीच उलझे रहेंगे। चाहे वह भोपाल गैस कांड हो या फिर आज का कचरा निपटान, हमें अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए सच्चे समाधान की ओर बढ़ने की आवश्यकता है।

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